सूरज को ढलते देखा है हमनें |

सूरज को ढलते देखा है हमनें,

सूरज को उगते देखा है हमनें,

देखा तो चांद भी है,

देखी तो रात भी है,

दिन बीते,

रातें बिती,

साल बीते,

कुछ हम हुए बदजुबान,

कुछ वो हुए गुमा,

क्यों है वो बेहाल,

कि बदली बदली सी तो है उनकी चाल,

कि वो बदल गए,

या

साल बदल गए,

कि उनके कुछ खायल बदल गए,

हमनें भी पूछ डाला कुदरत से,

कि ऐसी क्या हुई हमसे खता,

कि वो गए हमसे खफा |

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