वक़्त!

वक़्त की मार है
वक़्त में सब बरकार है
वक़्त भी शुन्य पर सवार है
न था तेरा न मेरा है
चारों तरफ घोर अँधेरा है
पग पग चलना है मुझे
खुद से ये वादा है
मजबूत ये इरादा है
वक़्त मेरा बोलेगा
तराजुओं में न तोलेगा
वक़्त मेरा बतलाएगा
वक़्त ही सिखाएगा
वक़्त की मेहर रही तो
सब खोया मिल जाएगा |

Comments

Popular Posts